Nehru aur Adhunikta

Author(s)
ISBN
Lang.   Hindi
Format   Hardbound
Categories: ,

350.00

2 in stock

Description

स्वतंत्र भारत केसन्दर्भ में होनेवाली महत्वपूर्ण बहसों के केंद्र में जवाहरलाल नेहरू रहे हैंI इनमें एक मुख्य बहस परंपरावाद बनाम आधुनिकता है I ‘परंपरावादी’ नेहरू को भारत का सबसे बड़ा विरोधी करार देते हैं, क्योंकि नेहरू की ज्ञान-मीमांसा का केंद्र ‘पश्चिम’ थाI  बहस का दूसरा छोर ‘आधुनिकता’ से संबंधित हैI इस सन्दर्भ में ‘पुनरुत्थानवादी’ भारतीयता को आधुनिकता से ऊपर बताते हैं I कभी-कभार यह भी घोषित कर दिया जाता है कि आधुनिकता भारत की प्राचीन धरोहर है I ‘वर्तमान आधुनिकता’ पश्चिमी है, इसलिए इसको अस्वीकार करने का समय आ गया है I  परंपरावादी (जिनको राजनैतिक सिद्धांत में ‘समुदायवादी’ कहते हैं) नेहरू को ‘परंपरा-विरोधी’ के नाम पर ख़ारिज करते हैं, वहीं पुनरुत्थानवादी नेहरू को ‘भारतीय’ श्रेष्ठता के नाम पर ख़ारिज करते हैं I

इन दोनों विमर्शों के मध्य दो प्रश्न उठते हैं I पहला, क्या समुदायवादियों और पुनरुत्थानवादियों द्वारानेहरु को दी गयी चुनौतियोंका गंभीर जवाब दिया गया है ? इसकाउत्तर ‘नहीं’ ही है I इसका सबसे महत्वपूर्ण कारण नेहरू को राजनैतिक सिद्धांतकार के तौर पर ‘न’ देखनेका रहा है I नेहरू को ‘व्यक्ति’ या ‘कर्ता’  के तौर  पर ही देखा गया है I यह प्रयास नेहरूको राजनैतिक सिद्धांतकार के तौर पर देखने से है I दूसरा सवाल यह भी उठता है कि क्या नेहरू के पास समुदायवादियों और पुनरुत्थानवादियों  से बेहतर विकल्प है? अगर है तो क्या है ?

‘नेहरू और आधुनिकता’ इन्हीं सभी प्रश्नों को समझने का साझा प्रयास है I

 

Additional information

Author(s)

ISBN

Lang.

Hindi

Format

Hardbound

Reviews

There are no reviews yet.

Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.