Kyu Sahi They Marx

Author(s)
Pages   207
ISBN
Lang.   Hindi
Format   Hardbound
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Description

इस किताब में मार्क्स के विचारों की आमतौर पर की जाने वाली आलोचनाओं का खंडन पेश किआ गया है, किताब बताती है की न सिर्फ ये आलोचनाएं गलत हैं बल्कि मार्क्स के विचारों की गलत या आधी अधूरी समझदारी से निकली हैं, किताब यह स्थापित करती है की मार्क्स को  मनुष्य में गहरी आस्था थी और समाजवाद का मतलब उनके लिए लोकतंत्र का और गहरा होना था न की उसका निषेध, उन्होंने समाजवाद को आज़ादी, नागरिक अधिकार और भौतिक समृद्धि की महान विरासतों

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