Vartman Sadi Mei Marxvad

Author(s)
Pages   136
ISBN
Lang.   Hindi
Format   Hardbound
Category:

395.00

2 in stock

Description

बीसवीं सदी के अंत में रूस के पतन ने ख़ुशी मनाने का अवसर भी नहीं दिया की दुनिया के तमाम हिस्सों में नव उदारवादी पूंजीवाद का विकल्प खोजने की कोशिशें शुरू हो गई! आर्थिक और सामाजिक में सामाजिक के पक्ष में खड़ा होने की घोषणा के बतौर विश्व सामाजिक मंच का गठन हुआ! नए दौर के आंदोलनों ने नए संपर्कों और संगठनों को जन्म दिया! इसी के साथ विचार की दुनिया में मार्क्सवाद की धमक भी सुनाई पड़ी! इनमें से कुछ को परिचित करने की कोशिश के तहत यह किताब लिखी गई!

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